Best Pinddaan At Gayaji
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Book a Scheduleॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः।। पूर्वजन्म के विविध पुण्य अथवा पाप कर्म के फलस्वरूप इस जन्म में मानव को सुख तथा दु:खों की प्राप्ति होती है। पूर्व जन्म के पाप अथवा पुण्य कर्मों का ज्ञान जन्म कुण्डली के माध्यम से ही होता है। जन्मकुण्डली में जन्म के समय के आकाश में विराजमान ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति का रेखाचित्र वर्णित रहता है। उस जन्म-समय के अनुसार प्राप्त ग्रहयोगों के माध्यम से गुण और दोषों की समीक्षा की जाती है।
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Get This ServicePitru Paksha: ‘गया’ में पिंडदान से पितरों को स्वर्ग की होती है प्राप्ति, जानें इसका महत्व
Get This Serviceपितृपक्ष में पिंड दान के लिए गया जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षक पैकेज लाया है. दरअसल 29 सितंबर 2023 से पृतपक्ष शुरू हो रहे हैं जो 13 अक्टूबर 2023 तक चलेंगे. इसी को ध्यान में रखते हुए
Get This Serviceपितृपक्ष के दौरान यूं तो हम किसी भी जगह पर तिथि के अनुसार अपने पितरों का तर्पण कर सकते हैं। लेकिन हिंदू धर्म में गया में पिंडदान और तर्पण करने का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि गया में पितरों को पिंडदान देने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
ऐसी मान्यता है कि पितरों का ऋण श्राद्ध द्वारा चुकाया जाता है। वर्ष के किसी भी माह तथा तिथि में स्वर्गवासी हुए पितरों के लिए पितृपक्ष की उसी तिथि को श्राद्ध किया जाता है। पूर्णिमा पर देहांत होने से भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा को श्राद्ध करने का विधान है, इसी दिन से महालय (श्राद्ध) का प्रारंभ भी माना जाता है। श्राद्ध का अर्थ है श्रद्धा से जो कुछ दिया जाए। पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पितृगण वर्ष भर तक प्रसन्न रहते हैं
यहां माता सीता ने तर्पण किया था. गया में पिंडदान करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए इस स्थान को मोक्ष स्थली भी कहा जाता है. बताया जाता है कि गया में भगवान विष्णु स्वयं पितृदेव के रूप में निवास करते हैं. गया में श्राद्ध कर्म और तर्पण विधि करने से कुछ शेष नहीं रह जाता और व्यक्ति पितृऋण से मुक्त हो जाता है.
मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से मृत आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। साथ ही उसकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्वयं भगवान विष्णु यहां पर जल के रूप में विराजमान हैं। गरुण पुराण में भी गया में पिंडदान का विशेष महत्व बताया गया है।
गरुण पुराण के अनुसार भगवान राम और माता सीता ने भी यहां राजा दशरथ का पिंडदान किया था। गरुण पुराण में उल्लेखित एक कथा के अनुसार भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ पिता राजा दशरथ का पिंडदान करने के लिए गया जी में प्रस्थान किए। वह पिंडदान की सामाग्री एकत्रित करने के लिए चले गए और सीता जी फल्गु नदी के किनारे बैठकर उनके आने का इंतजार कर रही थी। लेकिन तभी राजा दशरथ जी की आत्मा ने पिंडदान करने की मांग की। ऐसे में सीता जी ने फल्गु नदी के साथ वटवृक्ष, केतकी के फूल और गाय को साक्षी मानकर बालू का पिंड बनाकर पिंडदान कर दिया था।
Pind Daan or post death rituals history in Bodhgaya-Legend of Gaya ji pind daan: Gaya finds mention in the great epics, Ramayana and Mahabharata.
Vishnu Pad is believe in Hinduisum that the Vishanu Pad (Foot Print) built in center of temple. This foot print mark the act of LORD VISHNU subduing Gayasur by placing his foot print on his chest .
If you will go with the words of localities then it is least important place but actually it carry same important because it have a very historic values which make Akshayavat precious.
गया जी के प्रमुख्य तीर्थ पुरोहित पं० मंगल शास्त्री जी के द्वारा 1990 से आज तक उन सभी पिंडदानियों व यात्रियों के द्वारा अपने पूर्वजों के प्रति पिंडदान करने आने वाले उन सभी लोगों की सेवा में तत्पर रहे है। गया जी में पिंडदान व तर्पण पूजा और पवित्र स्थानों के दर्शन करने के लिए दुनिया भर से लोग गया जी आते हैं। गया जी के प्रमुख्य तीर्थ पुरोहित पं० मंगल शास्त्री जी गया के एक ऐसा तीर्थ पुरोहित है जो लोगों को गया जी के पवित्र स्थानों पर पिंड दान और तर्पण कराते हैं, यात्रियों के उनकी अपनी मातृ भाषा में अनुष्ठान कराते हैं, यात्रियों के आवास प्राप्त करने और भोजन कराने के लिए सर्वोत्तम सेवा दिलाते है।
Pt.sumit Ji in Gaya Ji is best Purohit to perform Pitra Dosh Pooja in Gaya...In last month i visited Gaya Ji for Pitra Dosh pooja in his guidance and after the pooja feel very relax and Day by day my poor condition from which i m suffering from last 10 years due to Pitra Dosh is impoving and my feeling is converted from negative to Positive....And current condition is going better and better...day by day...
Sumit ji bahut hi co operative person h aur inke team. Bahut hi acche dhang se puja inho ne krva, man prasan ho gya or atma bhi, Sach me mantra me bahut sakti hoti h. Thank you pandit ji or apke team ko bahut bahut dhanybaad. Jai vishnu bhagwan.
How salvation is attained in Gaya ji Dham, through mantras, I realized after going to Gaya ji, whether it is Pitru Dosh or Gaya Shraddha Pind Daan, I bow to Pandit Sumit ji for this. 🙏🙏